वर्तमान बजट में वित्तमंत्री द्वारा बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई वृद्धि के प्रस्ताव का प्रबल विरोध
हल्द्वानी। भोजन अवकाश के दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम के काठगोदाम स्थित मंडल कार्यालय में कर्मचारियों ने एआईआईईए के आह्वान पर बीमा में 100% एफडीआई करने के प्रस्ताव के विरोध में गेट मीटिंग की और कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुमूल्य संसाधनों को जुटाने और नागरिकों के प्रति राज्य के दायित्व को पूरा करने के प्रयासों पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होंगे ।
सभा को संबोधित करते हुए मंडलीय उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने कहा कि बीमा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलते समय एफडीआई की अधिकतम सीमा 26% निर्धारित की गई थी लेकिन इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 74% किया जा चुका है।
अब सरकार विदेशी पूंजी की सभी सीमाएं खत्म करना चाहती है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 100% करना चाहती है जो कि देश की घरेलू पूंजी एवं बचतों के लिए बेहद घातक कदम होगा।
भारत के बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सभी निजी बीमा कंपनियां शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गठजोड़ से बड़े-बड़े वित्तीय घरानों द्वारा संचालित हो रही हैं ।
सरकार का यह निर्णय भारतीय कंपनियों और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा । इससे समाज के जरूरतमंद वर्ग को बीमा सुरक्षा देने की मुहिम कमजोर पड़ेगी ।
आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि घरेलू बचत राशि पर सरकार का नियंत्रण रहे । विदेशी पूंजी कभी भी घरेलू बचत का विकल्प नहीं हो सकती है ।
इसके अतिरिक्त सरकार एक बीमा कानून संशोधन विधेयक की लाना चाहती है जिससे बीमा क्षेत्र में 1956 से पहले की अराजकता की स्थितियां उत्पन्न हो जाएंगी और लोगों की बचतें जोखिम में पड़ जाएंगी और पूरा बीमा क्षेत्र वित्तीय मगरमच्छों के हवाले हो जाएगा ।
सरकार लोगों की बचतों के साथ खेलना बंद करे । सरकार के इस हानिकारक निर्णय के खिलाफ जनता को लामबंद किया जायेगा ।
महामंत्री साथी डी के पांडे ने कहा कि अगर इस प्रस्ताव का बिल सदन में लाया जाता है तो समस्त बीमा कर्मी देशव्यापी हड़ताल करके इसका विरोध करेंगे।
सभा को साथी जे पी पंत, अशोक कश्यप, हिमांशु चौधरी, ने भी संबोधित किया। प्रदर्शन कारियों में भानु प्रकाश उपाध्याय, हेमंत कुमार, विजय सिंह अधिकारी, रविन्द्र कुमार, महेंद्र सिंह, विनोद गुरुरानी, राकेश कुमार, कमल मेहतोलिया, पंचम सिंह , जे के त्रिपाठी, लीलाधर जोशी, दलीप कुमार, गौरव खाती उपस्थित रहे।
