उत्तराखंड में वन विकास निगम में अफसरों के ठाठ सरकारी खजाने पर भारी पड़ रहे हैं।
अफसरों ने बिना अनुमति के ही आउटसोर्स कर्मचारियों को तैनात कर दिया अफसरों ने करीब 40 कुक रख लिए।
इसमें करीब 35 कुक अफसरों ने अपने घरों पर रखे हैं, जबकि पांच दफ्तर और दूसरी जगहों पर तैनात किए गए हैं।
हैरानी की बात ये है कि बिना अनुमति तैनात किए गए वन निगम से प्रत्येक कुक के लिए हर माह 17 हजार रुपये मानदेय भी लिया जा रहा है।
वहीं शिकायत मिली है कि कई अफसरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम डालकर भी कुक के नाम पर मानदेय लिया. शिकायत मिलने और मामले की जानकारी पर शासन ने नाराजगी जताई है. वहीं एमडी को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए कुक हटाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मामले की जांच की जा रही है।
सेवा नियमावली का उल्लंघन?
यूपी के समय वन विकास निगम में प्रभागीय बिक्री प्रबंधक (डीएलएम), क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम), महाप्रबंधक (जीएम) और प्रबंध निदेशक (एमडी) को कुक रखने का आदेश था. जबकि उत्तराखंड वन विकास निगम की सेवा नियमावली में केवल एमडी और दो जीएम को ही कुक रखने का नियम है।
इसके बावजूद प्रशासनिक अफसर से लेकर डीएलएम और आरएम तक सब अपने-अपने लिए आउटसोर्स पर कुक रख रखा है. हैरानी की बात ये है कि इसके लिए शासन से कोई अनुमति नहीं ली गई।
अफसरों के रिश्तेदारों को भी दिखाया कुक
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कई अफसरों ने तो आउटसोर्स एजेंसी में अपने रिश्तेदारों का नाम डालकर उन्हें अपने यहां बतौर कुक तैनात दिखाया है और सरकार का खजाना खाली कर रहे हैं।
इसके बदले वन निगम से हर महीने मानदेय लिया जा रहा. वन निगम को हर माह लाखों रुपये की चपत खुद विभाग के अधिकारी लगा रहे हैं. वहीं वन निगम कर्मचारियों में इसको लेकर नाराजगी भी साफ देखी जा रही है।
कर्मचारियों को हटाने के निर्देश
प्रमुख सचिव-वन आरके सुधांशु ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि वन निगम में कुक, खलासी सहित कई पदों पर आउटसोर्स से जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
नियम विरुद्ध रखे कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
इनमें कुछ अफसरों के रिश्तेदार रखने की शिकायत है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एमडी से रिपोर्ट मांगी है।












