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कुमाऊं विश्वविद्यालय में 19 वा दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। डीएसबी परिसर में कुमाऊं विश्वविद्यालय का 19वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया।

मुख्य अतिथि कुलाधिपति व राज्यपाल (लेफ्टिनेंट जनरल सेनि) गुरमीत सिंह, अति विशिष्ट अतिथि सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत,डॉ. ललित मोहन तिवारी,कुलपति दीवान सिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया।
इस दौरान मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बताया की सभी के लिए गर्व और खुशी का प्रतिक है यह दिन उन सभी विद्यार्थीयों के अथक परिश्रम निश्चित और आत्मविश्वविद्यालय का उत्सव है।

जिन्होंने अपनी शिक्षा को पूर्ण कर आज इस समारोह में डिग्री प्राप्त कर रहें है। दीक्षांत समारोह केवल डिग्रीयों का वितरण नही है ।

यह शिक्षा के प्रति यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। कुमाऊं विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नही है यह एक ऐसा स्थान है जहाँ भविष्य का निर्माण होता है।

विश्वविद्यालय आज आज अपने नवाचारों, अनुसन्धान और समाजपयोगी पहलों के कारण राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जा रहा है। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने कई बड़ी उपलब्धियां प्राप्त किए है। भारतीय वन अनुसन्धान और शिक्षा परिषद द्वारा वन और पर्यावरण विभाग को A प्लस रेटिंग मिलना कुमाऊं विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षणिक मानको का प्रमाण है।

शिक्षा केवल करियर बनाने के लिए नहीं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए है। व्यक्तिगत उपलब्धियों का नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति का भी है।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया की विश्व भर में इंडोलॉजी के रूप में भारतीयता और भारत राष्ट्र पाठ्यक्रम के स्तर पर उच्च शिक्षा में पढ़ाया जाता है। जर्मनी से आरम्भ हुआ इंडोलॉजी विषय अब विश्व के अन्य पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयलों के अकादमी अनुशासन का अंग बन चूका है।

विद्यार्थी ज्ञान विज्ञान के नए क्षेत्रों में उन्नति करते हुए जीवन में एक बार भारतीयता के मूल तत्वों पर भी विचार करें।कहा की नई शिक्षा निति में कई राज्यों ने अच्छे कदम उठाएं है और उसके कारण आज एक 21वीं सदी के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को बल देना चाहते है और विकसित भारत के सपने के लिए जिस प्रकार से मानव समूह तैयार करना चाहते है। ऐसी शिक्षा व्यवस्था को विकसित करना चाहते है कि मेरे देश के नौजवानों को विदेश जाना न पड़े।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति दीवान सिंह रावत ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताया बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज होने जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के बजट में 67प्रतिशत को बढ़ोतरी जैसे ऐतिहासिक कदम शैक्षणिक और शोधात्मक ढांचे को मजबूत करने कि दिशा में प्रेरित करते है पिछले पांच दशकों से कुमाऊं विश्वविद्यालय ज्ञान और नवाचार का एक स्तम्भ बनकर खड़ा है।

जसने उच्च शिक्षा में नए मानक स्थापित किए है। विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध, नवाचार, कला और रंगमंच जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को मानद उपाधियों से सम्मानित कर रहा है।

कुमाऊं विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान बना जिसने परीक्षा सामग्री को गोपनीय छपाई के लिए एक पारदर्शि और वित्तीय रूप से मिव्ययी ओपन टेंडर प्रकिया को लागू किया है।

विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के लिए ई बुक्स प्रदान कराई है। पहली बार विश्वविद्यालय ने नेशनल ई रैकिंग फ्रेमवर्क में प्रतिष्ठत 51-100श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। फार्मेसी विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर 62वां स्थान हासिल हुआ।

इस दौरान दीक्षांत समारोह में डीलिट की मानद उपाधि के लिए डॉ. ललित मोहन तिवारी को मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, कुलपति द्वारा प्रश्नसित पत्र देकर सम्मानित किया गया। वही 89 छात्र-छात्राओं को पदक और 19 हजार 750 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। पदक प्राप्त करने आले 89 छात्र-छात्राओं में से 65 यानी 73 प्रतिशत छात्राएं रही।

इस दौरान डीआईजी योगेंद्र रावत, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत,डीएम वंदना सिंह,विधायक सरिता आर्य,एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा,तहसीलदार मनीषा मारकाना, सीओ प्रमोद साह, कुल सचिव मंगल सिंह मंन्द्रावाल, परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, डॉ. महेंद्र राणा,केके पांडे, प्रो. चंद्रकला रावत, प्रो.अतुल जोशी ।

मंच का संचालन प्रो. ललित तिवारी, प्रो. दिव्या उपाध्यक्ष जोशी ने किया।

कुमाऊँ विश्वविद्यालय मे आयोजित 19वे दीक्षांत समारोह मे छात्र नेताओं ने तल्लीताल डांठ पर काला फीता बांधकर नारेवाजी के साथ विरोध प्रदर्शित किया। छात्र नेताओं ने छात्र संघ चुनाव नही होने के लेकर शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारे बाज़ी की।
इस दौरान आशीष कबढ़वाल,अभिषेक कुमार, शार्दुल नेगी, करना सती, अभिषेक कुमार,प्रशांत मेहरा, आयुष सिंह, हर्षित चंद्रा, हर्षित जोशी, ओम नेगी, आयुष आर्य समेत अन्य छात्र नेता रहें।ओ
राज्यपाल और कुलाधिपति ने सभी उपाधि धारकों को दीक्षापोदेश दिया । इसके बाद इन छात्रों को मैडल और उपाधियां प्रदान की गई । कुल 89 शीर्ष छात्रों को मैडल और उपाधि देकर सम्मानित किया गया, साथ ही दो डिलेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।

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