क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, रानीखेत में आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के कार्यकाल की पहले 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियों पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, रानीखेत में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के नवनिर्वाचित आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव के कार्यकाल की पहले 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियों पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।
जिसमें संस्थान के प्रभारी सहायक निदेशक, डॉंक्टर ओम प्रकाश ने संस्थान की एवं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की पहले 100 दिनों में किए गए कार्यों/उपलब्धियों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
प्रभारी सहायक निदेशक, डॉंक्टर ओम प्रकाश ने सर्वप्रथम बताया कि यह संस्थान केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद “आयुष मंत्रलाय”, भारत सरकार, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत स्वायत्त संस्थान है।
प्रभारी सहायक निदेशक ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने 100 दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ दाता समझौता, औषधीय पौधों पर वियतनाम के साथ समझौता, आयुर्वेद पर मलेशिया के साथ ऐतिहासिक समझौता, ‘एक जड़ी-बूटी, एक मानक पहल को बढ़ावा, आयुष औषधियों के लिए विशेष मेडिकल स्टोर, 1489 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) का एनएबीएच मूल्यांकन, स्वस्थ भारत के लिए ‘हर घर आयुर्वेद’ अभियान, वृद्धजनों के लिए आयुष शिविर, आयुष उत्कृष्टता केंद्र, आयुष पैकेज को एबी-पीएमजेएवाई में शामिल करना, योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर तीन केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान स्थापित करने की प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी की गई।
इसके साथ ही मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर प्रयास करते हुए 14692 आयुष जराचिकित्सा स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया। जिनमें मुफ्त स्वास्थ्य जांच, परामर्श और आयुष चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई।
वही मंत्रालय ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुर्वेदिक उपचार पैकेजों को शामिल करने की योजना बनाई है। इसके लिए एक विशेष रणनीतिक क्रय समिति के माध्यम से 170 पैकेजों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
उन्होने बताया कि आयुष क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा को मजबूत करने के लिए भी मंत्रालय ने आईआईएससी-बैंगलोर, आईआईटी-दिल्ली, टीएमसी-मुंबई और जेएनयू-नई दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों के साथ पांच नए (उत्कृष्टता केंद्र) की स्थापना की है।
इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, रानीखेत द्वारा आयोजित की प्रमुख गतिविधियों में संस्थान द्वारा मातृ शिशु देखभाल परियोजना का शुभारंभ किया गया।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से महत्वाकांक्षी परियोजना जो एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय में संचालित की जानी है का शुभारम्भ संस्थान द्वारा एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय, खटीमा व बाजपुर, जिला उधम सिंह नगर में किया गया।
वही संस्थान में दिनाँक 21.06.2024 को 10 वें अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। जिसके बाद सस्थान द्वारा दिनाँक 21.09.2024 को एक राज्य स्तरीय सेमीनार का आयोजन किया गया।
जिसका शीर्षक हिमालयी औषधीय पौधों की विविधता वर्तमान स्थिति और आर्थिक उपयोग रखा गया था। जिसका उद्देश्य किसानों को आयुर्वेदिक औषधीय पादपों के कृषिकरण की तकनीक एवं उपज हेतु बाजार को उपलब्ध करने के साथ आर्थिक लाभ अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करना था।
पत्रकारों से वार्ता कर प्रभारी सहायक निदेशक, डॉंक्टर ओम प्रकाश ने कहा कि परिषद् के महानिदेशक द्वारा परिधीय संस्थानों की वार्षिक समीक्षा मंथन – 2024 का आयोजन केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, कलकत्ता में दिनांक 30.09.2024 एवं 01.10.2024 को किया गया।
आयुष मंत्रालय के ‘भारत का प्रकृति परीक्षण” अभियान के तहत संस्थान द्वारा 120 प्रतिभागियों का प्रकृति परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। संस्थान द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह (01 सितम्बर से 30 सितम्बर) के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन जैसे पोषण शिविर जागरुकता व्याख्यान, वेविनार/सेमिनार आयोजन किया गया । स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
प्रभारी सहायक निदेशक ने बताया कि संस्थान के पास उत्तर पश्चिम हिमालय क्षेत्रों (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर व उत्तर प्रदेश), एजियोस्पर्म, जिम्नोस्पर्म और टेरिडोफाइट्स की 218 Families, 1410 Genera, 3670 Species के 64012 हर्बेरियम शीटे का एक बड़ा भंडार है। संस्थान के संग्रहालय में औषधीय पौधों के प्रयोज्यांग और खनिज नमूनों के 663 प्रामाणिक नमूने रखे गये हैं।
इसके अलावा संस्थान द्वारा कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल के साथ पी.एच.डी. शोध कार्य के लिए करार किया गया है। जिसके तहत पी एच डी के छात्र शोध कार्य कर रहे हैं।
उन्होने बताया कि संस्थान द्वारा 7.5 करोड की लागत से कार्यरत कर्मचारियों के आवास एवं वी. वी. आई.पी. गेस्ट हाउस का निर्माण सी.पी.डब्लू.डी. के सहयोग से किया जा रहा है। वही छावनी चिकित्सालय में रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर चिकित्सीय सेवाऐं प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर डॉंक्टर गजेन्द्र राव, अनुसंधान अधिकारी (वन.), डॉंक्टर वी. बी. कुमावत, अनुसंधान अधिकारी (आयु.) व डॉक्टर तरूण कुमार, अनुसंधान अधिकारी (आयु) सहित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के डॉक्टर्स व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।