
भीमताल विधानसभा की दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड में संचार व्यवस्था रामभरोसे है, देश और प्रदेशमे संचार क्रांति की बड़ी-बड़ी बातें तो की जाती हैं। लेकिन हकीकत इसके उलट है।
जहां शहरों में काल ड्रॉप और नेट स्लो होने की समस्या तो आम है, लेकिन पहाड़ के दुरस्थ क्षेत्र में अपने परिचितों से कुशल क्षेम पूछना और और किसी इमरजेंसी में अपनों से संपर्क करना बहुत बड़ी टेढ़ी खीर हैं। आज भी लोगों को नेटवर्क खोजने के लिए पेड़ों पर चढ़कर नेटवर्क को तलाशना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक की उदासीनता के कारण लोग संचार व्यवस्था से विहीन है यहां नेताओं को जनता की याद केवल चुनाव के समय आती है। यहां विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा झूठे वादे कर व जनता को गुमराह कर चुनाव जीता जाता है।
राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरु व सामाजिक कार्यकर्ता दीपक मेवाड़ी द्वारा धरना प्रदर्शन व कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं फिर फ़िर भी अधिकारियों कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं।
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का बेहतर नेटवर्क कनेक्शन देने का वादा पर्वतीय क्षेत्रों में नाकाबिल साबित हो रहा है। हाल यह है कि लोगों को अपने काल पर बात करने के लिए अपने घर से बाहर आना पड़ता है।
ओखलकांडा से जुड़े करीब 70 गांवों के हजारों ग्रामीण करीब दस वर्षों से बदहाल नेटवर्क व्यवस्था से परेशान हैं। इस समस्या के समाधान के लिए बीएसएनएल ने ओएफसी केबल बिछाने की योजना बनाई है, लेकिन इसका लाभ कब तक मिलेगा, कुछ नहीं पता।
बीएसएनएल की बदहाल सेवाओं के कारण पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिला हो या बुजुर्ग फोन पर नेटवर्क न होने से सभी परेशान हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य से लेकर अन्य सुविधाओं की भी समस्या है।
नेटवर्क कनेक्शन की दिक्कत से गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए एबुलेंस चालक तक से संपर्क होना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में एंबुलेंस के इंतजार में गर्भवती को प्रसव पीड़ा से जूझना पड़ता है।
कई बार ग्रामीण फोन पर बात करने के लिए पेड़ तक पर चढ़ जाते हैं। इससे जान माल का खतरा रहता है। जिले में पर्वतीय क्षेत्र ओखलकांडा से जुड़े करीब 70 गांवों में नेटवर्क की समस्या है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि हरीश पनेरू ने बताया कि करीब 10 वर्षों से ओखलकांडा, ककोड़, हरीशताल, कुंडल, अधोडा, पटरानी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल का नेटवर्क काम नहीं करता।
लोगों को आनलाइन पेमेंट से लेकर फोन से बातचीत करने में परेशानी होती है। स्थानीय निवासी दीपक मेवाड़ी ने बताया कि गांवों में बीएसएनएल के टावर तो लगे हैं, लेकिन फाइबर कनेक्शन न होने से नेटवर्क काम नहीं करता।
पूर्व में कई बार बीएसएनएल हल्द्वानी के मंडलीय कार्यालय में अधिकारियों को समस्या के बारे अवगत कराया, लेकिन अब तक समस्या हल नहीं हुई है।