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नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। आममी पार्टी के कई नेता शराब घोटाला मामले से लेकर हवाला लेन-देन और अन्य मामलों में गिरफ्तार कर हो चुके हैं और जेल में बंद हैं।

आइए जानते हैं आम आदमी पार्टी के कौन-कौन से नेता अभी तक हवालात की हवा खा चुके हैं-

1- संजय सिंह- अक्टूबर, 2023 में दिल्ली की कथित शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा एक्शन लिया था और लंबी पूछताछ के बाद संजय सिंह को अरेस्ट कर लिया था और फिलहाल वह जेल में बंद हैं।

ईडी ने पहले संजय सिंह के यहां ये छापेमारी की थी. दरअसल दिल्ली की एक कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में वाईएसआर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी।

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ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस बैठक में संजय सिंह भी मौजूद थे. दिनेश अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वह सबसे पहले एक कार्यक्रम में संजय सिंह से मिला था। इसके बाद वह मनीष सिसोदिया के संपर्क में आया. सूत्रों का कहना है, यह दिल्ली चुनाव से पहले AAP नेता द्वारा आयोजित एक फंड जुटाने का कार्यक्रम था।

2- मनीष सिसोदिया– शराब घोटाले में सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को 8 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया था. CBI ने इसी मामले में एक ब्यूरोक्रेट के बयान भी दर्ज किए था, जिसने बताया था कि मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कुछ निर्देश दिए थे।

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने के आरोप में भी गिरफ्तार किया था. आरोप है कि इसमें सिसोदिया की मिलीभगत है. सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी।

3- सत्येंद्र जैन– सिसोदिया से पहले आप नेता सत्येंद्र जैन को ED ने पिछले मई 2022 में कथित हवाला लेनदेन के आरोप में गिरफ्तार किया था. ED ने एक्साइज पॉलिसी केस में भी जैन से पूछताछ की थी. कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें करीब नौ महीने पहले अंतरिम जमानत दी थी लेकिन बीते हफ्ते ही उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी जिसके बाद उन्हें तिहाड़ के जेल नंबर 7 में रखा गया है।

4- अमानतुल्ला खान – AAP विधायक अमानतुल्ला खान फिलहाल दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अवैध भर्तियों और वित्तीय हेराफेरी से जुड़े एक मामले में जमानत पर बाहर हैं. उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो ने सितंबर, 2022 में अरेस्ट किया था अमानतुल्ला खान पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न, बलात्कार और हत्या के लिए डराने-धमकाने के आरोप लगाए थे। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अवैध भर्तियों और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप भी अमानतुल्ला पर लगे थे. दिल्ली की एक अदालत ने कहा था कि कार्रवाई के लिए अदालत के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

5-सोमनाथ भारती- पूर्व कानून मंत्री और मालवीय नगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सोमनाथ भारती को पुलिस ने दिसंबर 2015 में गिरफ्तार किया था. भारती पर उनकी पत्नी ने हत्या करने और घरेलू हिंसा करने के आरोप लगाए थे।इसके बाद एम्स में संपत्ति को नुकसान पुहंचाने और सुरक्षा गार्ड से मारपीट करने के मामले में भी सोमनाथ भारती सुर्खियों में आए थे. सुरक्षा गार्ड से मारपीट केस में 2021 में दिल्ली की एक अदालत ने सोमनाथ को 2 साल की सजा सुनाई थी।

6- संदीप कुमार- सीडी कांड में फंसे मंत्री संदीप कुमार, बर्खास्त किए गएआम आदमी पार्टी में मंत्री रहे संदीप कुमार 2016 में राशन कार्ड बनवाने के बहाने महिला से रेप केस में फंस चुके हैं. इस मामले में उनको जेल भेजा गया था।

इस घटना की एक सीडी भी सामने आई थी. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. संदीप कुमार 2015 में दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने. संदीप कुमार केजरीवाल सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्री बनाया गया था. उनके पास एससी-एसटी कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार था।

7- नरेश यादव- महरौली निर्वाचन क्षेत्र के विधायक नरेश यादव को पुलिस ने पंजाब के मलेरकोटला में कुरान के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया था. 2021 में कोर्ट ने उन्हें इस मामले से बरी कर दिया था.

8- प्रकाश जारवाल-जारवाल को जुलाई 2016 में एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें 2018 में दिल्ली के मुख्य सचिव से बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले उन्हें साल 2014 में दिल्ली जल बोर्ड के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने के आरोप में भी जारवाल को गिरफ्तार किया गया था. वो देवली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे।

9-अखिलेशपति त्रिपाठी- नवंबर 2019 में आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को विधायक के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। हालांकि, थोड़ी देर के बाद दिल्ली राउज़ एवेन्यू कोर्ट से 25 हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत भी मिल गई थी. मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश त्रिपाठी पर दंगा भड़काने के आरोप लगे थे. नवंबर 2015 में इसी आरोप में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

9-अखिलेशपति त्रिपाठी- नवंबर 2019 में आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को विधायक के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। हालांकि, थोड़ी देर के बाद दिल्ली राउज़ एवेन्यू कोर्ट से 25 हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत भी मिल गई थी. मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश त्रिपाठी पर दंगा भड़काने के आरोप लगे थे. नवंबर 2015 में इसी आरोप में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

10- मनोज कुमार- कोंडली से विधायक मनोज को पुलिस ने 10 जुलाई, 2015 को गिरफ्तार किया था. उन्हें कथित धोखाधड़ी और जमीन कब्जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यही नहीं, मनोज को घरेलू हिंसा के एक मामले में दिल्ली महिला आयोग के समक्ष भी पेश होना पड़ा था. घरेलू हिंसा मामले में कोर्ट ने साल 2020 में मनोज को बरी कर दिया था.

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11- शरद चौहान- नरेला क्षेत्र के विधायक शरद को पुलिस ने जून 2016 में गिरफ्तार किया था. उन पर आम आदमी पार्टी की एक कार्यकर्ता सोनी मिश्रा ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए थे

12- जितेंद्र सिंह तोमर- त्रिनगर से विधायक रहे जितेंद्र सिंह तोमर को फर्जी कानून की डिग्री रखने के आरोप में साल 2015 में गिरफ्तार किया गया था. वो आप सरकार में तत्कालीन कानून मंत्री थे. तोमर डेढ़ महीने तिहाड़ जेल में भी रहे थे. जितेंद्र ने एफिडेविट में एजुकेशन वाले कॉलम में सिर्फ ‘तिलक मांझी, भागलपुर यूनिवर्सिटी, बिहार’ ही लिख रखा है. और सारा विवाद उनकी इस एल एल बी की डिग्री को लेकर ही है. अप्रैल में एक आर टी आई के हवाले से पता चला की उनकी डिग्री बोगस है।

13- दिनेश मोहनिया- संगम विहार से AAP विधायक दिनेश पर जून 2016 में एक महिला ने दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज कराया था. दिनेश को छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि 2020 में उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने आरोपों से बरी कर दिया था।

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