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उत्तराखंड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनने की प्रक्रिया में पेच फंस गया है। केंद्र सरकार फिलहाल नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित नहीं कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ढाई साल पहले राज्य की छह प्रमुख सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी।

लेकिन अभी तक इस संदर्भ में नोटिफिकेशन नहीं हो पाया है।

इससे इन सड़कों का राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर विकास नहीं हो पा रहा है। केंद्र की ओर से नोटिफिकेशन पर लगाई गई रोक की वजह से राज्य की अन्य सड़कों के नेशनल हाईवे (एनएच) बनने पर भी पेच फंस गया है।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नए एनएच घोषित करने के मामले लगातार केंद्र के स्तर पर उठाए जा रहे हैं और प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश को जल्द नए एनएच मिल जाएं।

गढ़वाल-कुमाऊं को जोड़ने वाली सड़क भी अटकी राज्य की जो सड़कें एनएच नोटिफिकेशन के लिए लटकी हुई हैं उनमें लक्ष्मणझूला (ऋषिकेश)- दुगड्डा-नैनीडांडा-मोहान-रानीखेत सड़क भी शामिल है।

इस मार्ग के एनएच बनने के बाद गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क संपर्क और मजबूत होगा। साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी।

सचिव लोनिवि डॉ. पंकज पांडेय ने बताया कि जिन सड़कों को एनएच घोषित किया गया है उनके नोटिफिकेशन के संदर्भ में लगातार केंद्र से अनुरोध किया जा रहा है।

इन सड़कों का नहीं हो रहा नोटिफिकेशन

प्रदेश की जिन सड़कों को एनएच बनाने की सैद्धांतिक सहमति दी गई है उनमें 189 किमी लंबा काठगोदाम-भीमताल-धानाचूली-मोरनोला-खेतीखान-लोहाघाट- पंचेश्वर मार्ग, बुआखाल-देवप्रयाग मोटर मार्ग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी मोटर मार्ग, पांडुखाल-नागचुलाखाल-उफरैंखाल-बैजरों मोटर मार्ग और बिहारीगढ़-रोशनाबाद सड़क शामिल हैं। सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद अभी इन सड़कों के संदर्भ में नोटिफकेशन की जरूरत है।

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