नैनीताल। प्रस्तावित एडवोकेट एमेंडमेंट बिल के खिलाफ शुक्रवार को नैनीताल जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओ ने जोरदार प्रदर्शन करते अपना विरोध दर्ज कराने के साथ ही बिल की प्रतियां जलाई अधिवक्ताओ ने न्यायिक कार्य से विरत रहने के साथ ही अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति व कानून मंत्री को ज्ञापन भेजा।
बार संघ के अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने कहा की बिल में जो संशोधन लाए जा रहे है वे अधिवक्ता समुदाय के हित मे नही है।
इसलिए तब तक प्रोटेस्ट करना होगा जब इसे वापस नही लिया जाता सचिव संजय सुयाल ने कहा कि बिल अधिवक्ताओ की आज़ादी छीन रहा है कहा की एसोसिएशन अब तक एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करती आ रहा है।
लेकिन अब केंद्र सरकार बिल के माध्यम से इसपर ऑब्जर्वर नियुक्त करने की कोशिश कर रही है जो बीसीआई के कार्य मे भी दखल देंगे और एसोसिएशनों को कंट्रोल करेंगे कहा कि हड़ताल व प्रस्ताव वकीलों की फ्री वॉइस ( अभिव्यक्ति की आजादी) होती है।
उनकी इसी आज़ादी को छीन लिया जाएगा तो वो क्या करेगा इसे भी मिसकंडाक्ट में लाया जा रहा है मनीष मोहन जोशी ने कहा कि क्या न्यायाधीशों द्वारा गलत फैसले देने पर भी शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी।
अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार पाठक ने कहा की यदि उनके मांगे नही मानी गयी तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल व आंदोलन को बाध्य होंगे।
सभा को वरिष्ठ अधिवक्ता ज्योतिप्रकाश बोरा भगवत प्रसाद बलवंत सिंह अनिल बिष्ट सुंदर ने संबोधित किया इस अधिवक्ता प्रीति साह अनिल बिष्ट भरत भट्ट अखिल साह पंकज सिंह बिष्ट अशोक मौलखी भानुप्रताप मौनी मनीष कांडपाल यशपाल आर्या कमल चिलवाल पंकज कुमार शंकर चौहान सुभाष जोशी शिवांशु जोशी निखिल बिष्ट कैलाश बलुटिया गिरीश चंद्र जोशी तरुण चंद्रा शारिक अली नीरज गोस्वामी चंद्रकांत बहुगुणा निर्मल कुमार पंकज कुमार यशपाल आर्य प्रमोद तिवाड़ी मोहम्मद खुर्शीद दिग्विजय सिंह राजेन्द्र भैसोड़ा उमेश कांडपाल दीपक दानू कैलाश रावत दीपक पांडेय गौरव भट्ट सरिता बिष्ट तारा आर्या मुन्नी आर्या आकांक्षा आर्या सिम्मी कपूर भारती आर्या किरन आर्या जया आर्या आदि मौजूद रहे।
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ ए डी एम एफ आर चौहान को ज्ञापन सौंपते जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी सचिव संजय सुयाल व अन्य अधिवक्ता।
वहीं दूसरी ओर कुछ केसों को लड़ रहे वादकारियों ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कदम उठा रही है, क्योंकि कई अधिवक्ता रूपयों के लालच में दूसरे पक्ष से मिलकर या केसों को कमजोर कर जानबूझकर केस को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचाते हैं।
जिससे केस लड़ रहें लोगों को मानसिक परेशानी व धन की बर्बादी का सामना करना पड़ता है।
अधिवक्ताओं की समान फीस नहीं होने के कारण वादकारियों से मनमानी धनराशि वसूलते हैं।
महंगी फीस देने के बावजूद भी अधिवक्तागण लालच में काम नहीं करते व दूसरे पक्ष से मिलकर और कोर्ट कचहरी में कर्मचारियों से मिली भगत कर वादकारी को नुकसान पहुंचाते हैं।
केसों का सामना कर रहे वादकारियों ने बताया कि न्यायपालिका में सुधार की जरूरत है और हर किसी की जवाब देही तय होनी चाहिए।