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 सितारगंज के आशीष जोशी ने पाया पहला स्थान

फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद चार साल तक फैशन की दुनिया में जलवा दिखाने वाले आशीष जोशी को जनसेवा का भाव वापस अपने प्रदेश खींच लाया। 

आशीष जोशी सितारगंज के निवासी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी वहीं से हुई है। वर्तमान में जोशीमठ में नायब तहसीलदार आशीष के पिता केसी जोशी बिजली विभाग में जेई के पद से सेवानिवृत्त हैं।

मां पुष्पा जोशी गृहिणी हैं। आशीष की चार बहनें हैं, जिनमें से सबसे बड़ी गृहिणी है। एक असिसटेंट प्रोफेसर, एक ग्राम विकास अधिकारी, एक सेना में मेजर हैं। उनकी पत्नी डॉक्टर हैं।

आशीष ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) मुंबई से फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद चार साल तक फैशन की दुनिया में नौकरी की। उन्होंने बताया कि उनका मन तो जन सेवा के लिए उत्तराखंड में ही रमता था।

माता-पिता भी चाहते थे कि मैं पीसीएस बनूं। बहन भी सिविल सेव की तैयारी करती थी, जो लगातार मोटिवेट करती थी। लिहाजा, पीसीएस-2016 की प्री परीक्षा पास करने पर हौसला भी बढ़ गया। पीसीएस की तैयारी में जुट गए।

इस साल पहले लोअर पीसीएस में 12वीं रैंक हासिल करके नायब तहसीलदार बने। अब पीसीएस में टॉप करके डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं। इससे पहले वह उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी परीक्षा पास करके इस पद पर सेवाएं दे चुके हैं। यूपी लोअर पीसीएस की परीक्षा 2022 में पास की थी लेकिन ज्वाइन नहीं किया।

आशीष जोशी अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना क्षेत्र के जोगयुड़ा गांव में उनका मूल निवास है और वह अभी ज्योर्तिमठ तहसील गढ़वाल में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात हैं।

परिवार में सबसे छोटे आशीष जोशी की चार बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। उनमें से एक गृहिणी, दूसरी चिकित्सक, तीसरी ग्राम विकास अधिकारी और चौथी सेना में मेजर के पद पर तैनात है। मां भी गृहिणी है और पिता ऊर्जा निगम से जेई के पद से सेवानिवृत हुए हैं।

उनका परिवार हाइडल कॉलोनी सितारगंज में रहता है। आशीष की सफलता से अल्मोड़ा शहर में रहने वाले उनके रिश्तेदारों तथा गांव में रहने वाले अन्य परिजनों में खुशी है।
अल्मोड़ा के वैभव कांडपाल ने पाया दूसरा मुकाम
अल्मोड़ा के जाखन देवी मंदिर के पास रहने वाले वैभव कांडपाल ने बुधवार की देर रात घोषित हुए पीसीएस 2021 की मुख्य परीक्षा में दूसरा स्थान पाया। कुछ दिन पहले ही घोषित हुए अधिशासी अधिकारी के परिणाम में उन्होंने उत्तराखंड में प्रथम स्थान प्राप्त की थी। वे इस समय नैनीताल स्थित प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
कुमाऊं मंडल विकास निगम से सेवानिवृत्त राजेंद्र प्रसाद कांडपाल और लोहाघाट स्थित स्कूल में प्रवक्ता लीला कांडपाल के बड़े पुत्र वैभव कांडपाल ने बताया कि उनका शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य था।

उन्होंने किसी बड़े इंस्टीट्यूशन से तो तैयारी नहीं की लेकिन मॉक इंटरव्यू की मदद से वह अपनी शैक्षिक क्षमता बढ़ाते रहे।

हल्द्वानी के पंकज भट्ट को मिला तिसरा मुकाम 
हल्द्वानी शहर के छड़ायल सुयाल निवासी पंकज भट्ट को पीसीएस परीक्षा में तीसरी रैंक मिली है। उनकी सफलता से घर परिवार में खुशी की लहर है।

वर्तमान में पंकज भट्ट खटीमा में आबकारी निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति मेहनत के साथ-साथ धैर्य रखे तो वह सफल हो सकता है। उनकी सफलता के बाद घर परिवार में खुशी की लहर है।

पंकज भट्ट मूल रूप से अल्मोड़ा के जैंती गांव निवासी हैं। उनके पिता बंशीधर भट्ट जीआईसी फूलचौड़ में प्रयोगशाला सहायक के पद पर तैनात हैं जबकि माता इंद्रा भट्ट गृहिणी हैं।

 उनके छोटे भाई नीरज भट्ट भोपाल से पीएचडी कर रहे हैं।

पंकज का कहना है कि वह लंबे समय से पीसीएस की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि यदि धैर्य रखकर और मन लगाकर मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। 

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