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\हल्द्वानी।  आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले सेना से रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल को बुधवार से शुक्रवार तक ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किए रखा। खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए घोटाले में कोर्ट नोटिस होने की बात कहकर बचने के लिए 17 लाख रुपये मांगे।

झांसे में आए 84 साल के बुजुर्ग ने यह रकम देने के लिए के लिए एफडी तुड़वा ली। फिर दिए गए खाते में रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक पहुंचे तो माथे पर पसीने की हल्की बूंद, चेहरे पर भय और कापंते हाथों को देखकर कर्मियों ने स्थिति भांप ली। फिर मैनेजर ने उन्हें समझाकर डर से बाहर निकाला और उनकी रकम भी ठगों से बचा ली।

1993 में बरेली से रिटायर हुए यह बुजुर्ग आवास विकास कॉलोनी में पत्नी के साथ रहते हैं। बुधवार को उनके मोबाइल फोन पर काॅल आई। तब खुद को पोस्टल एंड टेली कम्यूनिकेशन (पीएंडटी) विभाग का कर्मी बताते हुए उनके नाम से बड़े घोटाला की बात कही।

उन्होंने इसे सामान्य बात समझा। फिर शाम को अगली कॉल आई तो उसने उन्हें असहज कर दिया। काॅल करने वाले ने उनके नंबर को सर्विलांस पर डालने की बात कही। इसके बाद तो उनकी पूरी रात बेचैनी में गुजरी।

बृहस्पतिवार की सुबह आई वीडियो कॉल ने फिर चिंता बढ़ा दी। खुद को सीबीआई अफसर बताकर कॉलर ने उनकी हर गतिविधि कैमरे में होने की बात कही। डरे-सहमे बुजुर्ग की मन:स्थिति भांप साइबर ठग ने उनके व्हाट्सएप नंबर पर कोर्ट का एक फर्जी नोटिस भेजा।

इसमें उनका नाम और उन्हें अरेस्ट किए जाने की बात थी। नोटिस देखकर वह पूरे प्रभाव में आ गए। शाम को अगली कॉल करके उन्हें सीबीआई की पूरी नजर में होने की बात कही गई। साथ ही कहीं भी न जाने की नसीहत दी गई।

ऐसे दिए जाते रहे निर्देश
शुक्रवार की सुबह कॉलर ने उनसे बैंक जाकर खाता का स्टेटमेंट व्हाट्सएप पर भेजने को कहा। उन्होंने ऐसा ही किया। खाते में रकम कम होने के कारण दूसरा इंतजाम करने को कहा गया तो उन्होंने अपनी एफडी की डिटेल भी दी।

निर्देश पर उन्होंने इसे तुड़वा लिया। फिर पूरी रकम उनसे मांगे जाने लगी। इसे दिए गए बैंक खाते नंबर पर ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। बताया गया कि रकम सीबीआई के एकाउंट में रहेगी। यह भी कहा गया कि बैंक कर्मी पूछें तो कह देना जमीन खरीदनी है।

शुक्रवार की दोपहर पहले वह 17 लाख रुपये ट्रांसफर कराने बैंक पहुंचे तो किसी वजह से यह काम नहीं हो पाया। करीब दो बजे वह दोबारा तिकोनिया स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा पहुंचे। तब उनकी हालत देखकर बैंक कर्मी विनोद जोशी को शक हुआ तो उन्होंने सतर्क किया।

उन्होंने रकम भी ट्रांसफर नहीं की। मामला मुख्य प्रबंधक मिहिर बहादुर सिंह तक पहुंचाया गया तो उन्होंने बुजुर्ग को समझाना शुरू किया। तब डरे बुजुर्ग ने उनसे कहा कि वह मुंबई से मुझे देख रहा है, कैमरा बंद करो। मैनेजर ने ऐसा ही किया। फिर दोपहर तीन बजे से लेकर सात बजे तक मैनेजर ने उन्हें समझाकर डर की मन:स्थिति से उन्हें बाहर निकाला।

इसके बाद बुजुर्ग ने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की, हालांकि तहरीर नहीं दी।

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