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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून के ऋषिकेश में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत किए जा रहे अवैध निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई

हुई।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल।  हाईकोर्ट ने देहरादून के ऋषिकेश में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत किए जा रहे अवैध निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। आज हुई सुनवाई के दौरान गढ़वाल कमिश्नर वर्चुअल माध्यम से कोर्ट में हुए।

उनके द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि मंसूरी विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण में हुई त्रुटियों के सम्बंध में 1 माह के भीतर आवश्यक कार्यवाही कर ली जाएगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 5 मई की तिथि नियत की है।
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गढ़वाल कमिश्नर को कोर्ट में पेश होकर यह बताने को कहा है कि मंसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा किस आधार पर अवैध निर्माण को कम्पाउंडिंग कर मानचित्र स्वीकृत किया जा रहा है।
आपकों बता दे कि ऋषिकेश निवासी पंकज अग्रवाल व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के ऋषिकेश में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत कुछ लोगों द्वारा अवैध निर्माण किए जा रहे है।

जिस पर कार्यवाही करते हुए मंसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने कार्यवाही करते हुए उन्हें शील कर दिया लेकिन कुछ समय बाद विकास प्राधिकरण के एई ने उक्त शीलिंग से प्रतिबंध हटाकर अवैध निर्माण को कम्पाउंड करते हुए मानचित्र स्वीकृत कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध निर्माणों पर रोक लगाई जाए ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके।

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