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वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण एसएसपी सहित कई पुलिस अधिकारी नहीं डाल पाए वोट

सरकारी अमले के शत-प्रतिशत मतदान के दावों की पोल तब खुल गई जब एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ सहित कई पुलिस अधिकारियों के अलावा कई विभागीय अधिकारियों के नाम वोटर लिस्ट से गायब निकले।

उत्तराखंड निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट में कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे तो वहीं कई लोगों के नाम, लिंग व पिताजी का नाम गलत मिला। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। समाजसेवी हेमंत गौनिया के  परिवार के 7/8  सदस्यों का नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला।

नैनीताल । मतदान के दौरान कई लोगों का नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने का मामला भी सामने आया है। इसमें हाईकोर्ट के एक जज समेत नगर के कारोबारी और रंगकर्मी भी शामिल रहे। वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण लोगों को बूथों से बिना वोट डाले ही लौटना पड़ा।

उधर काठगोदाम, अंबिका विहार, बनभूलपुरा, सुभाषनगर सहित कई जगह लोगों ने वोटर लिस्ट में नाम न होने की शिकायत की।

बृहस्पतिवार को निकाय चुनाव के लिए हुए मतदान में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा, एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी सहित कई पुलिस अधिकारियों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे। उधर पुलिस कॉलोनी में रहने वाले कई दरोगा सहित अधिकारियों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे। ये ही हाल अन्य विभागों का भी था।

उधर, वोटर लिस्ट में नाम न होने से वार्ड पांच अंबिका विहार कॉलोनी के 20 परिवार मतदान से वंचित रहे जबकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान कर चुके हैं। क्षेत्र के लोगों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को भी शिकायत की।

अंबिका विहार समिति अध्यक्ष जगत सिंह डोभाल ने बताया कि कॉलोनी में 70 परिवार रहते हैं। सुबह जब कॉलोनी के लोग वोट डालने गए तो जो वोटर लिस्ट उन्हें दी गई उसमें 20 परिवारों के नाम ही नहीं थे। कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यहां के लोग मतदान कर चुके हैं। कहा, हमने आधार कार्ड और वोटर आईडी से मतदान कराने की गुहार लगाई लेकिन हमें वोट नहीं डालने दिया गया। निर्वाचन विभाग से इसकी शिकायत की है।

सुभाषनगर में 50 लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब
वार्ड-छह सुभाषनगर के लोगों के लिए स्थानीय प्राइमरी स्कूल में मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां सुबह से ही लोग वोट डालने पहुंचने लगे थे। इस बीच वार्ड के 50 लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं था।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि वे वर्षों से हर चुनाव में वोट डाल रहे हैं लेकिन इस बार किस कारण से उनका नाम कट गया, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। उन्होंने मतदात सूची बनाने में लापरवाही करने का आरोप लगाया। कहा, इसकी शिकायत अपर जिलाधिकारी से की गई है।

राजपुरा और मानपुर पश्चिम में दो महिलाओं का किसी और ने डाल दिया वोट

हल्द्वानी। राजपुरा और वार्ड 56 में दो महिलाओं का किसी अन्य वोटर ने वोट डाल दिया। राजपुरा वार्ड 12 निवासी आरती शाम को जब बूथ में वोट देने पहुंची तो बताया गया कि उनका वोट तो सुबह ही डाल दिया गया है। आरती ने कहा कि वह अभी वोट देने आई है। बिना वोट डाले वह नहीं जाएंगी।

इसके बाद उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई। तब जाकर पीठासीन अधिकारी ने उन्हें वोट देने दिया। वहीं, वार्ड 56 में भी एक महिला का वोट कोई और व्यक्ति देकर चला गया। शिकायत पर महिला का वोट डलवाया गया।

वहीं, कई लोगों को वोटर लिस्ट में नाम नहीं मिलने से वे मतदान केंद्र ही नहीं पहुंचे। यही नहीं भाकपा माले नेता कैलाश जोशी के नाम के आगे महिला अंकित हो गया।
पहचान पत्र आदि के आधार पर उन्हें वोट डालने दिया गया। मामले में डीएम वंदना सिंह ने बताया कि डोर टू डोर सर्वेक्षण में कोई कारण रहा होगा, जिसकी वजह से लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं चढ़ सके होंगे।

बीएलओ की ओर से कारण जरूर दिया गया होगा, जिसकी जांच की जाएगी। कुछ इसी तरह का हाल भीमताल में भी देखने को मिला। यहां भी कई वोटरों के नाम मतदाता सूची से गायब थे।

ऐसे लोगों ने निर्वाचन अधिकारी केएन गोस्वामी को फोन कर अपनी समस्या बताई। हालांकि ऐसे लोगों को निराश लौटना पड़ा।

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