उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई ग्रामों मेंखड़िया खनन से आई दरारों के मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की
नैनीताल
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई ग्रामों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने मामले को अति गम्भीर पाते हुए बागेश्वर जिले मे खड़िया खनन पर रोक लगाते हुए 9 जनवरी को माइनिंग ज्योलॉजी सहित सचिव इंडस्ट्री को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए है
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट की खंडपीठ ने न्यायमित्र नियुक्त करते हुए उनसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। न्यायमित्र की रिपोर्ट के अनुसार बागेश्वर जिले में हो खड़िया खनन से गाँव को खतरा बना हुआ है।
आपकों बता दे कि बागेश्वर जिले के ग्रामीणों ने अपने प्रार्थनपत्र में आज तक से हुई वार्ता में कहा था कि उनकी बात न तो डीएम सुन रहा न ही सीएम न ही प्रशासन।
ग्रामीण वासी उन्हें विस्तगपित करने की मांग कर रहे है। जिनके पास साधन थे वे हल्द्वानी बस गए लेकिन गरीब गाँव मे ही रह गए। ग्रामीणों ने अपने दर्द बयां करते हुए कहा था कि कई खण्डिया खनन कारोबारी मेरी धरती को चिर कर हल्द्वानी में बेच दिया।
अब हमारा कोई नही इसलिए आंखरी ऊमीद पर उच्च न्यायलय की शरण में आए है आप समस्त ग्रामीणों को न्याय दें।