अल्मोड़ा। अनुबंध समाप्त होने से परेशान हैं किसान गरुड़(बागेश्वर)। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौसानी में चाय बोर्ड ने बिना बताए किसानों के अनुबंध को समाप्त कर दिया है।
जिसके चलते किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
किसानों का आरोप है कि चाय बोर्ड ने बिना बताए उनका अनुबंध समाप्त किया है।
लौबांज निवासी शोभा गढि़या ने बताया कि बागान में महीने में सिर्फ 13 दिन का काम मिल पा रहा है। बरसात हो या सर्दी वे हर मौसम में कड़ी मेहनत करती हैं। लेकिन चाय विकास बोर्ड काश्तकारों की घोर उपेक्षा कर रहा है।
ग्रामीण गीता देवी ने बताया कि अपनी ही जमीन पर उनके रोजगार छीन लिए हैं । इन दिनों चाय बोर्ड कौसानी किसानों की जमीनों को लौटा रहा है। जिससे चाय किसानों को बेरोजगारी का डर सता रहा है। चाय बोर्ड का मानक प्रति हैक्टेयर में दो श्रमिक का था।
जिसे अब एक श्रमिक कर दिया है। व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष बबलू नेगी ने कहा कि यदि चाय बोर्ड ने किसानों की मांग नहीं मानी तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
इधर, चाय विकास बोर्ड के प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि जिन किसानों का अनुबंध समाप्त हुआ है उनको अनुबंध समाप्ति का पत्र दिया है। किसान चाहें तो दोबारा अनुबंध करा सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में चाय का काम कम होता है। गर्मी के मौसम में काम बढ़ने पर लोगों को रोजगार दिया जाएगा।