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पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने, बिना वर्दी पहने पुलिस पहुंची आयुष के घर,

डराया धमकाया थप्पड़ मारे और लात मारे और मुझे अलगवादी सोच वाला बोला गया

समाज सेविका कुसुम लता बौड़ाई ने काशीपुर पुलिस की कार्यवाही पर उठाये सवाल

काशीपुर।  आयुष रावत मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेस आयोजित की गई जिसमें आयुष रावत, आयुष रावत की माता जी अंजू रावत, समाज सेवी कुसुम लता बौड़ाई एवं उत्तराखण्ड बेरोज़गार संघ के कुमाऊँ संयोजक भूपेन्द्र कोरंगा शामिल रहे।
आयुष रावत ने बताया कि मुझे शाम 7:30 बजे पुलिस बिना ड्रेस के आती है और मुझे जबरन गाड़ी में बैठकर प्रतापपुर चौकी लेकर गये और एक घंटे पूछताछ की उसके बाद कुंडेश्वरी चौकी लेकर गए।

मुझे डराया धमकाया थप्पड़ मारे और लात मारे और मुझे अलगवादी सोच वाला बोला गया। और मुझे रात भर लॉक अप में रखा गया और अगले दिन सुबह 11 बजे छोड़ा गया।
उनकी माता जी ने कहा कि मैं जब डरी सहमी चौकी गई मुझे अपने बेटे से मिलने भी नहीं दिया और ना ही कोई पूरी जानकारी दी। मैं बहुत डरी हुई हूँ और मानसिक रूप से बहुत परेशान हूँ।
कुमाऊँ संयोजक उत्तराखण्ड बेरोज़गार संघ भूपेन्द्र कोरंगा ने कहा कि आयुष को 7:30 बजे लेकर गये जबकि FIR दर्ज करने का समय 8:50 है। उन्होंने कहा की मीम बनाना कोई भी ग़लत नहीं है।

यदि ग़लत होता तो देश के प्रधानमंत्री मोदी जी अपने सोशल मीडिया से ख़ुद पर बनी हुई मेम को शेयर करते हुए मीम बनाने वाले की तारीफ़ की थी।

भूपेन्द्र कोरंगा ने ये भी कहा कि शिकायतकर्ता मुकेश चावला को लेकर कहा कि उन पर उनके अस्पताल के महिला कर्मचारी द्वारा रेप का आरोप लगाया था और उनके अस्पताल में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखण्ड द्वारा अनियमितता को लेकर नोटिस दिया गया है।

समाजसेवी कुसुम लता बौड़ाई ने काशीपुर पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि FIR के बाद कई दिनों तक कार्यवाही नहीं होती है लेकिन इस प्रकरण में FIR से पहले भी कार्यवाही की गई।

उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को प्रातः 11 बजे काशीपुर कोतवाली जाकर आयुष का फ़ोन वापस लेने की माँग एवं आयुष पर लगे धारा को वापस लेने की माँग करेंगे। जिमें शामिल होने के लिए सभी लोगों एवं सामाजिक संगठनों को शामिल होने का आह्वान किया।