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पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरु ने राइका पतलोट, नैनीताल में कार्यरत शिक्षक डॉ. हेमन्त कुमार जोशी का निलंबन आदेश निरस्त करने व सम्मान सहित स्कूल भेजने के संदर्भ में मुख्यमंत्री धामी को लिखा पत्र

भीमताल। राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरु ने बताया कि  राजकीय इण्टर कॉलेज, पतलोट नैनीताल में पिछले आठ वर्षों से अध्यापन कर रहे संस्कृत प्रवक्ता डॉ. हेमन्त कुमार जोशी का 28 फरवरी 2025 के आदेश से निलंबन करके उनको भीमताल में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सम्बद्ध कर रखा है।

जिसमें अखबार के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि शिकायत करने में क्षेत्रीय विधायक ने द्वेष भावना के कारण यह काम कराया है।

  शिक्षक हेमन्त जोशी एक आदर्श ईमानदार छात्र हितैषी शिक्षक रहे हैं इनके अनुशासन, परिश्रम प्रयासों से बच्चे कई बार राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किए हैं

छात्रों का हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करते आए हैं, शिक्षकों के अभाव में अन्य विषयों को भी पढ़ाते आए हैं, कितने छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करवा चुके हैं।

जरुरतमंद छात्रों की आर्थिक सहायता करते आए हैं पर्यावरण के क्षेत्र में काम करते रहे हैं, सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम इन्होंने चलाये हैं।

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क्षेत्र में अपने प्रयासों से बच्चों के स्वाध्याय के लिए एक पुस्तकालय तक खोला है, इनके पढ़ाये हुए पहाड़ के छात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में भी पढ़ रहे हैं जिस कारण शिक्षक हेमन्त  को अभी तक कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।

बड़ी-बड़ी पत्रिकाओं में इनके लेख शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं लेकिन दुर्भावनावश ऐसे शिक्षक का विभाग ने 28 फरवरी 2025 को निलंबन कर दिया।

जिससे क्षेत्रीय जनता, अभिभावक तथा छात्रों में बहुत आक्रोश है गुस्सा है और शिक्षकों में भय का माहौल है ।

सोशल मीडिया पर अपने अपने माध्यमों से नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं छात्र शिक्षक के समर्थन में अपने विचार रख रहे हैं।

इसके साथ ही यह भी जानकारी दे दें कि इनका पूरा परिवार जनसंघ के समय से वर्तमान सरकार की विचारधारा का परिवार रहा है।

पिताजी इनके सक्रिय सदस्य रहे हैं और शिक्षक स्वयं छात्र जीवन से ही संघ में काम करते रहे हैं  वर्तमान में भी किसी दायित्व में हैं।

मुख्यमंत्री धामी जी निवेदन है कि छात्रहित में ऐसे परिश्रमी शिक्षक का निलंबन निरस्त करके ऐसे शिक्षक को ससम्मान विद्यालय भेजने का कष्ट करें क्योंकि यह विषय राजनीति का नहीं अपितु छात्रों से सम्बन्धित है।

अन्यथा तीन दिन के बाद हम अभिभावकों के साथ मिलकर देहरादून में मुख्यमंत्री आवास घेरेंगे जिसमें सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ।

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