धामी सरकार ने एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे को बड़ी सौगात दी है। पौड़ी जिला अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा के साथ ही 18 डॉक्टरों की तैनाती की गई है।
इसके साथ ही पैरामेडिकल, नर्सिंग कर्मचारियों की भी नियुक्ति की गई है। पौडी जिला अस्पताल को पीपीपी मोड से हटा दिया गया है।
राज्य सरकार पौड़ी जिला अस्पताल में सामने आ रही अव्यवस्थाओं को लेकर पहले ही नाराजगी दर्ज करा चुकी है। सीएम धामी ने डीएम और सीएमओ से इसकी रिपोर्ट मांगी थी।
बता दें कि जिला अस्पताल पौड़ी पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा था, जिसकी डेडलाइन 31 दिसंबर को खत्म हो गई थी। सरकार ने पीपीपी मोड पर संचालन के लिए तीन माह का अतिरिक्त समय दिया था, लेकिन अव्यवस्थाएं सामने आने पर सरकार ने स्वयं अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया है।
बीते दिनों पौड़ी में हुए हादसे के बाद अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत सामने आई थी। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों का घेराव कर विरोध भी दर्ज कराया। जिसके बाद सीएम धामी ने संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की। अब राज्य सरकार ने पौड़ी जिला अस्पताल में डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी है।
अस्पताल के पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से हटते ही सरकार ने यह कदम उठाया है। पौड़ी-देहलचौरी मार्ग पर 12 दिसंबर को हुई बस दुर्घटना के बाद घायलों को जब जिला चिकित्सालय ले जाया गया तो वहां तमाम अव्यवस्थाएं सामने आई थीं। इसके बाद मामूली घायलों को भी यहां से रेफर कराना पड़ा।
इसके बाद काफी बवाल हुआ। सरकार को इस पर सख्त एक्शन लेना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि पौड़ी जिला अस्पताल में नौ विशेषज्ञ समेत 18 डाक्टर और 34 नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। सभी ने ज्वाइनिंग भी दे दी है। रोटेशन के आधार पर भी डाक्टरों की तैनाती की गई है।
इन चिकित्सकों की हुई तैनाती
- सर्जन, पेडियाट्रिशन, गायनेकोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट और ऑप्थलमोलॉजिस्ट
- रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती से पौड़ी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू
