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उत्तरायणी मेले के दौरान एक विशेष समुदाय के लोगों का ढाबा चर्चा में आया है। आरोप है कि वहां रोटी में थूका जा रहा था। स्थानीय कुछ युवाओं ने चुपके से वीडियो बना ली।

जिसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया। पुलिस ने मामले को संभालते हुए रात में ही ढाबा बंद करा दिया। हिंदू संगठनों ने रात में कोतवाली का घेराव किया।

देहरादून और मसूरी के बाद बागेश्वर में थूककर रोटी बनाने का वीडियो प्रसारित हुआ है। यहां उत्तरायणी का मेला चल रहा है। मेले के दौरान एक ढाबे में तंदूरी रोटी बनाने वाला कारीगर रोटी में थूकता हुआ दिखाई दे रहा है। यह ढाबा नगर पालिका कार्यालय के बाहर है। जिसमें काफी भीड़ भी चल रही थी। घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच तथा स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

गुस्साए लोगों ने शुक्रवार की रात कोतवाली में हंगामा किया। कहा कि ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पहाड़ की शांत वादियों में यह लोग अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। ढाबा को रात में ही बंद कर दिया।

इधर, हिंदू संगठन के मनोज चंद्र बचखेती ने कहा कि धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को बिल्कुल नहीं बख्सा जाएगा। पुलिस ने जिस प्रकार से त्वरित कार्रवाई की है। वह सराहनीय है। समाज में इस प्रकार की निंदनीय घटना की लिए जिस प्रकार सभी युवा एकजुट हुए उन सभी का आभार है।

वीडियो प्रसारित होने पर हिंदू संगठनों के लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने ढाबे में तोड़फोड़ की। तंदूर को तोड़ दिया। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने भोजन के सेंपल लिए। जिन्हें जांच के लिए भेजा गया। पुलिस ने मामले को बमुश्किल शांत किया।

रात में 25 से अधिक व्यापारी भागेघटना के बाद दहशत में आए बाहर के व्यापारी रात में भागने लगे। लगभग 25 से अधिक व्यापारियों ने सुबह तक शहर छोड़ दिया। इसके अलावा अन्य व्यापारी भी दुकानें खोलने को लेकर असमंजस में रहे।

स्थानीय लोगों की मदद से उन्होंने दुकानें लगाईं। उनका कहना है कि वह अगली बार यहां आने के लिए 10 बार सोचेंगे। गलत काम करने वाले को दंड मिलना चाहिए। अच्छे लोगों को भयभीत करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

बागेश्वर : उत्तरायणी मेले में रामपुर, मुरादाबाद, हापुड़, रामनगर, बाजपुर, काशीपुर, मेरठ, दिल्ली आदि स्थानों से भी व्यापारी आते रहे हैं। जिसमें मुस्लिम व्यापारियों की संख्या अधिक रहती है।

इस बार निकाय चुनाव होने के कारण मेला सात दिन में सिमटा है। लेकिन थूक जिहाद को लेकर लोगों में आक्रोश है। उन्होंने ऐसे व्यापारियों को मेले से बाहर रखने की मांग शुरू कर दी है। बीते 13 जनवरी से मेला शुरू हुआ।

इससे चार दिन पूर्व यहां व्यापारी पहुंच गए। पालिका ने पांच से 15 हजार रुपये में उन्हें दुकानें आवंटित की। पालिका के समीप ढाबा कई वर्ष से मेले के दौरान संचालित होता है। लेकिन थूक जेहाद आदि पर किसी का ध्यान नहीं था।

इस ढाबे में लोगों की भीड़ भी थी। पालिका ने लगभग 500 दुकानें आवंटित की हैं। जिसमें 238 दुकानें विशेष समुदाय के लोगों की हैं। मेला 19 जनवरी को संपन्न होगा। 20 जनवरी को व्यापारी सामान समेट लेंगे।

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