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उत्तराखंड से बाहर के लोग यदि राज्य के भीतर किसी भी तरह की कोई भी जमीन खरीदते हैं, तो उसकी सूचना तत्काल पोर्टल में दर्ज होनी चाहिए। इसके लिए सरकार जल्द भू कानून पोर्टल तैयार करे। नए सख्त भू कानून को लेकर जनता की ओर से शासन को ये अहम सुझाव प्राप्त हुआ है।

सख्त भू-कानून किस तरह का हो और इसमें क्या-क्या प्रावधान हों, इसके लिए सरकार ने जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए। इन्हीं सुझावों में भू-कानून पोर्टल पर भी जोर दिया गया है। इस सुझाव को सरकार ने भी अहम माना है।

सुझाव आया है कि उत्तराखंड से बाहर का कोई भी व्यक्ति जब राज्य के किसी भी जिले में जमीन खरीदता है, तो रजिस्ट्री कराते ही उसकी जानकारी भू-कानून पोर्टल पर साझा कर दी जाए। ताकि जिला प्रशासन, कमिश्नर, शासन से लेकर राज्य के हर व्यक्ति को ये जानकारी हो कि कहां और किस प्रयोजन के लिए जमीन खरीदी गई है।

ऐसे में यदि भविष्य में जमीन का किसी तरह का दुरुपयोग होता है, तो उसको आसानी से पकड़ा जा सके। समय पर मालूम चल सके कि बिना मंजूरी के जमीन खरीदने वाले कौन हैं। इस तरह का डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके, इसी को ध्यान में रख भू-कानून पोर्टल तैयार किया जाए।

इस सुझाव से पहले भी सरकार को इस तरह का डाटा जुटाने के लिए एक ठोस सिस्टम की जरूरत महसूस हुई। राज्य में कितने मामलों में भू-कानून का उल्लंघन हुआ, उसका ब्योरा जुटाने में ही छह महीने लग गए। भविष्य में इस तरह की दिक्कतों को ही भू-कानून पोर्टल के जरिए दूर किया जा सकेगा।

सचिव राजस्व एसएन पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड राजस्व परिषद से जो सुझाव शासन को मिले हैं, उनका अध्ययन किया जा रहा है। सुझावों को किस तरह कानूनी रूप दिया जाना है, उसे लेकर भी विशेषज्ञों से राय मशविरा किया जा रहा है ताकि एक सख्त भू- कानून को फूलप्रूफ बनाया जा सके।

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