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उत्तराखंड सरकार ने जहां पूर्व विधायकों की पेंशन 40 हजार से 60 हजार कर कर दी है वही गणेश उपाध्याय ने इसका विरोध किया किसानों 80 करोड़ का अभी तक दो माह का धान का भुगतान नहीं हुआ।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

हल्द्वानी। उत्तराखंड सरकार धामी जी के नेतृत्व में कैबिनेट में बैठक का आयोजन कर पूर्व विधायकों की पेंशन जो 40000 रु मिलती थी ₹60000 कर दी गई है।

इसका साफ-साफ मतलब है 33% बढ़ोतरी की गई है और भत्ते बढ़ा दिए गए। किसानों का 80 करोड़ से ऊपर धान का भुगतान दो महीनो से अभी तक नहीं हो पाया है ।

जबकि मेरे द्वारा नैनीताल हाई हाई कोर्ट के डबल बेंच का ऐतिहासिक फैसला, जिसमें सरकार ने एफिडेविट लिख दिया था। किसानों का धान व गेहूं का भुगतान 24 घंटे से लेकर एक हफ्ते के अंदर करेंगे ।

गन्ने पिराई सत्र लगभग समाप्ति की ओर अग्रसर है ,अभी तक गन्ने का इस नए वर्ष का मूल्य निर्धारण नहीं किया गया ।

केवल सरकार को अपने चुने हुए जनप्रतिनिधि की चिंता है।

आज प्रतिवर्ष महंगाई की वजह से फसलों के उत्पादन लागत मे हर साल 20 से 25% बढ़ोतरी हो रही है । विगत कई वर्षों से मनरेगा मजदूरों की प्रतिदिन मजदूरी 267 रुपया है।

इस महंगाई के दौर में उन गरीबों के परिवार की चिंता नहीं, जो अपने इन पैसों के अपने बच्चों का पोषण व स्कूल में शिक्षा पढ़ने के लिए भेजते हैं।

सबका साथ, सबका विकास और सब का विश्वास यह देश के प्रधानमंत्री बार-बार अपने भाषण में रहते आ रहे हैं। मैंने इस बारे में नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य जी से निवेदन किया है।

समस्त कांग्रेस जन इस बात का पुरजोर विरोध करें। क्योंकि एक तरफ से कोर्ट की अवहेलना करती हैं दूसरी तरफ उत्तराखंड जन मानस , जिन्होने देवभूमि के लोगों ने आपको चुनकर भेजा है ।

उसका अपमान कर रही है । यह बात डॉ गणेश उपाध्याय, उत्तर प्रमुख उत्तराखंड आंदोलनकारी व प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस ने कही।

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