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भ्रामक खबर का अधिवक्ता ने किया खंडन

पुलिस ने तय समय पर लगा दी थी चार्ज शीट

रिपोर्ट – नरेश सिंह बिष्ट 

हल्द्वानी। हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा हिंसा के 50 आरोपियों को एक साथ जमानत दे दी। एडवोकेट ने  इसकी वजह बताई है।

 

अफवाह उड़ाई जा रही थी कि चार्जशीट को तीन माह के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत करना था, पुलिस उसे चार माह बीतने के बाद भी पेश नहीं कर सकी।

बावजूद इसके निचली अदालत ने तो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी, लेकिन हाईकोर्ट ने सभी को एक साथ जमानत दे दी।

इन 50 आरोपियों के साथ अब तक कुल 51 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है बनभूलपुरा हिंसा मामले में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे।

पहला मुकदमा नगर निगम की ओर से दूसरी बनभूलपुरा थाना और तीसरा तत्कालीन मुखानी थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक ने दर्ज कराया था।

इस मामले में 107 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। आरोपियों पर बलवा समेत कई गंभीर धाराओं के साथ यूएपीए भी लगाया था।

इन तीनों मामलों की जांच सीओ रामनगर, सीओ भवाली और सीओ लालकुआं कर रहे थे नियम के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने के 90 दिन (तीन माह) के भीतर पुलिस चार्जशीट न्यायालय में दाखिल करनी होती है।

अफवाह फैलाई जा रही थी कि पुलिस ऐसा नहीं कर पाई तीन माह गुजरे तो आरोपियों की ओर से निचली अदालत में जमानत याचिका लगाई गई लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था।

आरोपियों पर लगे गंभीर आरोपों और मामले की गंभीरता को देखते हुए निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था ।

इसके बाद सभी आरोपियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाले सभी 50 आरोपियों को जमानत दे दी।