उत्तराखंड में जमीनों के सर्किल रेट में जल्द बदलाव होने जा रहा है। वित्त विभाग ने जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर सर्किल रेट का फार्मूला बनाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सर्किल रेट के लिए वर्ष 2023 का फार्मूला मुख्य आधार होगा।
उत्तराखंड में जमीनों के नए सर्किल रेट निकाय चुनाव के बाद होंगे लागू, इस जिले की रोड सबसे ज्यादा महंगी
मुख्य सचिव-वित्त आनंद वर्धन ने बताया कि सर्किल रेट पर होमवर्क किया जा रहा है। निकाय चुनाव के बाद इसे नियमानुसार सर्किल रेट के प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार नए सर्किल रेट तय करने में हर क्षेत्र में औद्योगिक, व्यापारिक और आवासीय गतिविधियों की भी समीक्षा की जा रही है। जिन क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है, वहां जमीनों के बाजार भाव में भी काफी इजाफा हुआ है। उसी के अनुपात में इन क्षेत्रों में सर्किल रेट में इजाफा किया जाएगा।
जबकि जिन क्षेत्र में विकास की गतिविधियों में कमी आई है, वहां रेट को घटाने पर भी विचार किया जा रहा है। स्टांप विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालिया कुछ वर्षों में मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर विकास से जुड़ी गतिविधियों में तेजी आई है।
इन सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए सर्किल रेट का खाका तैयार हो रहा है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी।
राज्य में वर्तमान में सर्वाधिक सर्किल रेट नैनीताल की मॉल रोड का है। यहां प्रतिवर्ग मीटर के लिए सरकारी रेट एक लाख रुपये तय है।
वर्ष 2023 में लागू नए सर्किल रेट में कई स्थानों पर सर्किल रेट में वहां की कारोबारी और आवासीय गतिविधियों के आधार पर दोगुने तो बढोत्तरी की गई थी। जहां नैनीताल की माल रोड का प्रति वर्ग मीटर रेट एक लाख रुपये तय किया गया था।
वहीं मसूरी की माल रोड पर यह रेट 28 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर है। इसी प्रकार देहरादून में घंटाघर से आरटीओ तक 63 हजार रुपये, आरटीओ से मसूरी डायवर्जन तक वर्तमान रेट 55 हजार रुपये रेट है। विकासनगर, सल्ट में कुछ गांवों में सर्किल रेट को घटाया भी गया था।