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हल्द्वानी। अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 के प्रस्तावित संशोधन के विरोध में वकीलों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया।

वकीलों द्वारा सिविल न्यायालय, एसडीएम कोर्ट में कार्य बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन अधिनियम वकीलों के खिलाफ है। और उनके हितों पर इस संशोधन से विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

अधिवक्ताओं ने भारत सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन अधिनियम को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।

अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। 

वहीं दूसरी ओर कुछ  केसों को लड़ रहे वादकारियों ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कदम उठा रही है, क्योंकि कई अधिवक्ता रूपयों के लालच में दूसरे पक्ष से मिलकर या केसों को कमजोर कर जानबूझकर केस को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचाते हैं।

जिससे केस लड़ रहें लोगों को मानसिक परेशानी व धन की बर्बादी का सामना करना पड़ता है।

अधिवक्ताओं की समान फीस नहीं होने के कारण वादकारियों से मनमानी धनराशि वसूलते हैं। 

महंगी फीस देने के बावजूद भी अधिवक्तागण लालच में काम नहीं करते व दूसरे पक्ष से मिलकर और कोर्ट कचहरी में कर्मचारियों से मिली भगत कर वादकारी को नुकसान पहुंचाते हैं।

 केसों का सामना कर रहे वादकारियों ने बताया कि न्यायपालिका में सुधार की जरूरत है और हर किसी की जवाब देही तय होनी चाहिए।

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