पहाड़ों से वैश्विक विज्ञान तक –
रानीखेत। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत (अल्मोड़ा) एक बार फिर विज्ञान जगत में उत्तराखंड का नाम ऊँचा करने जा रहा है।
आगामी 9 अप्रैल 2025 को सायं 6:30 बजे (IST) महाविद्यालय में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोर्टेन पी. मेल्डाल का ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया जाएगा।
यह आयोजन महाविद्यालय की विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति एवं भक्तिवेदांत इंस्टीट्यूट, कोलकाता के संयुक्त प्रयास से संभव हो पाया है।
प्रो. मेल्डाल द्वारा विकसित क्लिक केमिस्ट्री एक क्रांतिकारी तकनीक है, जिसने आणविक संरचना निर्माण को अत्यधिक सरल, सटीक और प्रभावी बना दिया है।
इससे औषधि निर्माण, जैव प्रौद्योगिकी और उन्नत सामग्री निर्माण जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व उन्नति हुई है। यह संवाद छात्रों को विज्ञान की वास्तविक दुनिया से जोड़ने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।
इससे पूर्व महाविद्यालय में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. डेविड जे. विनलैंड का व्याख्यान आयोजित किया गया था, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय से जुड़ने का मंच मिला। यह नई श्रृंखला उसी दिशा में एक और प्रगतिशील कदम है।
इस आयोजन के प्रमुख सूत्रधार हैं डॉ. भारत पांडे, सहायक आचार्य (रसायन विज्ञान) एवं विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति के समन्वयक।
रुद्रपुर में कार्यरत रहते हुए, डॉ. पांडे ने Art of Scientific Paper Writing, हाइड्रोपोनिक्स प्रशिक्षण, प्रकृति सैर, शैक्षणिक भ्रमण एवं उद्यमिता विकास कार्यशालाएँ (EDP) जैसे कार्यक्रमों द्वारा छात्रों को व्यवहारिक विज्ञान से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
कोविड-19 काल में उन्होंने उत्तराखंड की पहली वर्चुअल केमिस्ट्री लैब की स्थापना की, जिसके लिए उन्हें हाल ही में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार हेतु नामांकित किया गया।
डॉ. पांडे को विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं:
1. Academic Excellence Award 2023 – बेंगलुरु
2. uLektz Wall of Fame 2022 – भारत के टॉप 20 फैकल्टीज़ में चयन
3. देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार 2023 – मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा
4. Academic Excellence Award 2024 – अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर I2OR द्वारा
5. NITI Aayog द्वारा Wall of Fame चयन – राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तराखंड से सर्वश्रेष्ठ फीडबैक हेतु (3rd C.S.conference,Govt. of India,New Delhi.
प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे ने कहा:
“वैश्विक वैज्ञानिकों को स्थानीय छात्रों से जोड़ना केवल शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि यह एक वैचारिक क्रांति है, जो शोध और नवाचार की संस्कृति को नई दिशा प्रदान करेगी।”
आईक्यूएसी समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. प्रसून जोशी ने कहा:
“यह आयोजन सिर्फ एक व्याख्यान नहीं, बल्कि वैज्ञानिक चेतना का उत्सव है। इससे छात्रों को आधुनिक अनुसंधान की नब्ज से जुड़ने का अवसर मिलेगा।”
डॉ. भारत पांडे ने कहा:
“हमारा उद्देश्य है – छात्रों को विज्ञान का जीवंत अनुभव कराना। पुस्तक से प्रयोगशाला, प्रयोगशाला से शोध, और शोध से वैश्विक संवाद तक की यह यात्रा उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुसज्जित करेगी। ऐसे व्याख्यान विज्ञान को सुलभ, सजीव और समकालीन बनाते हैं।”
डॉ. हेमलता भट्ट, सह-संयोजक, विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति ने कहा:
“यह सिर्फ एक व्याख्यान नहीं, बल्कि एक पीढ़ी को विज्ञान से जोड़ने का प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि छात्रों को वह मंच मिले जहाँ वे स्वतंत्र रूप से सोचें, नवाचार करें और शोध की दुनिया से जुड़ें।
रानीखेत जैसे दूरस्थ क्षेत्र से नोबेल विजेताओं को जोड़ना यह सिद्ध करता है कि अगर संकल्प हो, तो विज्ञान की रोशनी पहाड़ों तक भी पहुँच सकती है।”
